🇮🇳 माउंटबेटन योजना 🇮🇳
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लॉर्ड माउंटबेटन, भारत के विभाजन और सत्ता के त्वरित हस्तान्तरण के लिए भारत आये।
3 जून 1947 को माउंटबेटन ने अपनी योजना प्रस्तुत की जिसमे भारत की राजनीतिक समस्या को हल करने के विभिन्न चरणों की रुपरेखा प्रस्तुत की गयी थी।
- सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ - साथ पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी इसे स्वीकार करते हुए इसका पूर्ण समर्थन किया।
- जबकि महात्मा गांधी व सुभाष चंद्र बोस इसका विरोध करते रहे।
प्रारम्भ में यह सत्ता हस्तांतरण विभाजित भारत की भारतीय सरकारों को डोमिनियन के दर्जे के रूप में दी जानी थीं।
माउंटबेटन योजना के मुख्य प्रस्ताव.....✍🏻
● भारत को भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जायेगा,
● बंगाल और पंजाब का विभाजन किया जायेगा और उत्तर पूर्वी सीमा प्रान्त और असम के सिलहट जिले में जनमत संग्रह कराया जायेगा।
● पाकिस्तान के लिए संविधान निर्माण हेतु एक पृथक संविधान सभा का गठन किया जायेगा।
● रियासतों को यह छूट होगी कि वे या तो पाकिस्तान में या भारत में सम्मिलित हो जायें या फिर खुद को स्वतंत्र घोषित कर दें।
● भारत और पाकिस्तान को सत्ता हस्तान्तरण के लिए 15 अगस्त 1947 का दिन नियत किया गया।
● ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 को जुलाई 1947 में पारित कर दिया।
● इसमें ही वे प्रमुख प्रावधान शामिल थे जिन्हें माउंटबेटन योजना द्वारा आगे बढ़ाया गया था।
● 4 जुलाई 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पेश किया गया जिसके अनुसार भारत दो अधिराज्यों में विभाजित हो गया।
● 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद द्वारा Indian Independence Act पास किया गया जिसमें विभाजन की रूपरेखा तैयार की गयी थी।
आगे चलकर इसी एक्ट को ब्रिटिश संसद ने आधिकारिक तौर पर पारित किया और भारत और पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया।
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