Translate Your Page

Monday, January 07, 2019

तत्व यौगिक एवं मिश्रण

तत्व यौगिक एवं मिश्रण


विज्ञान कि वह शाखा जिसमें हम विभिन्न प्रकार के रसायनों एवं उनकी अभिक्रियाओं का अध्ययन करते है, रसायन विज्ञान कहलाती है।


लेबासिये को आधुनिक रसायन विज्ञान का जन्मदाता कहा जाता है।


परमाणु - द्रव्य का वह सबसे छोटा कण जिसका स्वतंत्र अस्तित्व केवल रासायनिक अभिक्रिया के दौरान ही सम्भव होता है परमाणु कहलाता है।


अणु - पदार्थ का सबसे छोटा कण जिसमें उस पदार्थ के सभी गुण मौजुद होते हैं तथा उसका स्वतंत्र अस्तित्व सम्भव हो।


तत्व - एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बना पदार्थ तत्व कहलाता है।


जैसे - सोना, चांदी, आक्सीजन, हाइड्रोजन आदि।


प्रतिक - तत्वों को संकेत में लिखने को प्रतिक कहते है। बर्जीलियस ने 1813 में तत्वों के प्रतीकों के लिए एक रासायनिक प्रणाली दि जिसमें तत्वों के नाम लेटिन भाषा में थे।


यौगिक - दो या दो से अधिक तत्वों को एक निश्चित अनुपात में मिलाने से यौगिक बनता है।


जैसे - HCl(1:1),H2O(2:1)।


मिश्रण - दो या दो से अधिक पदार्थो को किसी भी अनुपात में मिलाने पर मिश्रण बनता है। जैसे - चीनी व नमक का घोल।


द्रव्य(पदार्थ) - जो स्थान घेरता है और जिसमें द्रव्यमान होता है, द्रव्य कहलाता है।


द्रव्य(पदार्थ) की अवस्थाएं(भौतिक वर्गीकरण)


ठोस अवस्था


द्रव अवस्था


गैसीय अवस्था


पदार्थ का रासायनिक वर्गीकरण


पदार्थ का अंतरारूपान्तरण




परमाणु संरचना


इलेक्ट्रान - कैथोड़ किरणों का निर्माण करने वाले ऋणावेशित कणों को इलेक्ट्रान कहते हैं।


इसकी खोज - जे. जे. थाॅमसन ने कि तथा इन्हें नाम स्टोनी ने दिया।


आवेश - 1.6*10^(-19) कुलाम


द्रव्यमान - 9.1*10^(-31) Kg. or 5.487*10^(-4) amu.


इलेक्ट्रान का द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान का 1/1835 वां भाग होता है।


प्रोटाॅन - एनोड किरणों का निर्माण करने वाले धनावेशित किरणों को प्राटोन कहते है। इसकी खोज गोल्डस्टीन ने कि।


आवेश - 1.6*10-19 कुलाम


द्रव्यमान - 1.6725*10-24 gm.


न्युट्राॅन


खोज - जेम्स चैडिविक


आवेश - उदासिन या शुन्य


द्रव्यमान - 1.6749*10^(-24) gm.


पोजीट्राॅन


खोज - एंडरसन


इलेक्ट्रान के विपरित कण को पोजीट्रान कहते हैं।


द्रव्यमान व आवेश - इलेक्ट्राॅन के बराबर परन्तु प्रकृति विपरित।


तत्वों को साधारणतया धातु/अधातु तथा उपधाातु में वर्गीकृत किया जाता है।


धातु


ये विधुत व ताप के सुचालक होते हैं, इन्हें खींचा(तन्य) जा सकता है। तथा पीटकर फैलाया जा सकता है।


उदाहरण - सोना, चांदी, लोहा आदि।


पारा धातु होते हुए भी कमरे के ताप पर द्रव्य अवस्था में पाया जाता है।


अधातु


ये ताप व विधुत के कुचालक होते हैं।


उदाहरण - हाइड्रोजन, आयोडिन, क्लोरिन, कोल, कार्बन।


उपधातु


कुछ तत्व धातु व अधातु के बीच के गुणों को दर्शाते हैं। उसे उपधातु कहते हैं।


उदाहरण - बोरोन, सिलिकन आदि।


अभी तक ज्ञात तत्वों की संख्या 100 से भी ज्यादा है। जिसमें 92 तत्व प्राकृतिक है तथा शेष मानव निर्मित है।


यौगिक


दो या दो से अधिक तत्वों को एक निश्चित अनुपात में मिलाने से यौगिक बनता है।


सुत्र - प्रतीकों का वह समूह जो किसी पदार्थ के संगठन को व्यक्त करता है।


सुत्र मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं


अणु सूत्र


मुलानुपाती सूत्र


अणुसूत्र


वह सूत्र जो किसी यौगिक में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की वास्तविक संख्या को दर्शाता है।


ग्लुकोज - C6H12O6, ऐसीटिक ऐसीड - CH3COOH।


मुलानुपातीसूत्र


वह सूत्र जो यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के सरल अनुपात को प्रदर्शित करता है। मूलानुपाती सूत्र कहलाता है।


ग्लुकोज -CH2O, ऐसीटिक ऐसीड - CH2O।


मिश्रण दो प्रकार के होते हैं।


समांग


विषमांग


समांग - एक निश्चित अनुपात में समान रूप से सर्वत्र अवयवों के मिलने से बना मिश्रण समांग मिश्रण कहलाताह है।


उदाहरण - चीनी का जल में विलयन।


विषमांग - अनिश्चित अनुपात में असमान रूप से अवयवों के मिलने से बना मिश्रण विषमांग मिश्रण कहलाता है।


उदाहरण - धुल के कणों का हवा में मिश्रण।


महत्वपूर्ण तथ्य


शुष्क बर्फ - ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को कहा जाता है।


सुर्य व तारों में चमक प्लाज्मा के कारण होती है।


प्लोरेसेंट ट्यूब और नियाॅन बल्ब में प्लाज्मा होता है।


ओजोन वायु में उपस्थित सर्वाधिक निष्क्रिय गैंस है।


हाइड्रोजन ब्रह्माण्ड में सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व है।


नाइट्रोजन वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है।


लीथियम सबसे हल्की धातु है।


एल्युमिनियम पृथ्वी पर सर्वाधिक पायी जाने वाली धातु है।


पारा एक मात्र द्रव्य धातु है।


सोडियम को अत्यन्त क्रियाशील होने के कारण इसे केरोसिन के तेल में रखा जाता है।


अम्लीय वर्षा - सल्फर डाईआक्साइड एवं नाइट्रोजन डाईआक्साइड से होती है। जो जल वाष्प से क्रिया कर अम्ल बनाती है।


कृत्रिम श्वसन में आक्सीजन व हीलियम का प्रयोग किया जाता है।


द्रव नाईट्रोजन का उपयोग पशुओं के विर्य को सुरक्षित रखने एवं कृत्रिम धुंए में किया जाता है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts

Featured post

Business Communication – Introduction Notes Business Communication is the ability of a group of individuals to speak the same langu...